पुराने अंक तिथि-अनुसार   //   पुराने अंक विषयानुसार 
फेसबुक पर   // तुक कोश // शब्दकोश // लेखकों से


१. १०. २०२३ 

   

साहित्य और संस्कृति में-         

समकालीन कहानियों में
इस माह प्रस्तुत है- यूएसए
से अनिलप्रभा कुमार की कहानी
बेमौसम की बर्फ

उसने धीरे से खिड़की का पर्दा सरका दिया। रोज सबसे पहले वह यही करती है। धूप और रोशनी को न्यौता देती है, भीतर आने के लिये- मन के भीतर तक। वह मुग्ध होकर निहारती है- आकाश का रंग, पेड़ों के रंग बदलते पत्ते। हर रोज सूरज सुबह हाजिरी देता आ रहा है, युगों से। वह अपने भीतर इस सूर्य- विश्वास को भर लेना चाहती है। चाहे कुछ हो जाए सूरज तो निकलेगा ही। आज की सुबह कुछ अपरिचित-सी लगी। आकाश पर जैसे किसी ने सुनहरी के बजाए सफेदी की गाढ़ी चादर तान दी थी। ठोस सफेदी, कहीं कोई हल्की–सी दरार तक नहीं।
“हटो न माँ, मुझे भी देखने दो।“ महक ने आँखे मलते हुए अलसायी–सी आवाज में कहा।
“गुड मॉर्निंग, उठ गई मेरी बिटिया।“ वह लाड़ में भरकर महक के सिरहाने आकर बैठ गई। बिन बालों वाली महक, चिकने सिर के साथ कोई और ही लगती है। जैसे तीस साल की युवती फिर से पाँच साल की बच्ची हो गई हो। पीली पड़ती रंगत के ऊपर बड़ी-बड़ी काली आँखें जैसे ...आगे-

***

अरुण अर्णव खरे का व्यंग्य
टैग बिना चैन कहाँ रे
***

पूर्णिमा वर्मन की कलम से
प्रवासी साहित्य और गाँधी
***

 प्रकृति और पर्यावरण में-
धान- मानव सभ्यता के अस्तित्व का आधार

***

पुनर्पाठ में मनोहर पुरी का आलेख
दसों पापों को हरने वाला दशहरा
***

अनुभूति-में--प्रदीप-कांत, दिपाली सुथार, परमजीत कौर रीत, मानोशी चैटर्जी, सुशील शर्मा और देवेन्द्र कुमार की रचनाएँ।

स्थायी स्तंभों में-

कलम-गही नहिं हाथ- जिन देशों में अत्यधिक अमीर लोग रहते हैं, वहाँ भी ऐसे गरीब लोगों की कमी नहीं जो दो वक्त का भोजन भी न जुटा सकें... दुबई के भंडारे फ्रिज

रसोईघर में- हमारी रसोई संपादक शुचि अग्रवाल इस माह प्रस्तुत कर रही हैं- उड़ीसा का अत्यंत लोकप्रिय व्यंजन-
दही बैंगन

बागबानी में- नन्हीं पत्तियाँ प्यारे पौधे जो घर का रूप-सँवारें और पर्यावरण निखारें- इस शृंखला में प्रस्तुत है- पेपरोमिया ह

स्वस्थ भोजन स्वस्थ शरीर में- दीर्घायु प्रदान करने वाले १२ पौष्टिक-तत्व जिन्हें प्रतिदिन खाना चाहिये। इस शृंखला में प्रस्तुत है- मोटे अन्न जैसे ज्वार और बाजरा

डाक टिकटों पर पौराणिक पात्र- देश विदेश के वे टिकट जिन पर देवी-देवताओं के चित्र प्रकाशित हैं इस अंक में- इंडोनेशिया के डाकटिकटों पर सुग्रीव, अंगद और हनुमान

बतरस से लिखवट तक - रतन मूलचंदानी के फोटो निबंधों की शृंखला में इस माह- अरे यहाँ तो हैंडपंप है

गौरवशाली भारतीय- क्या आप जानते हैं कि अक्टूबर महीने में कितने गौरवशाली भारतीय नागरिकों ने जन्म लिया? ...विस्तार से

नवगीत संग्रहों और संकलनों से परिचय की शृंखला में- डॉ. मंजु लता श्रीवास्तव के नवगीत संग्रह- समय निरुत्तर का परिचय डॉ. रंजना गुप्ता की कलम से।

वर्ग पहेली-३६६
गोपालकृष्ण-भट्ट-आकुल और
रश्मि आशीष के सहयोग से

हास परिहास
में पाठकों द्वारा भेजे गए चुटकुले

आज सिरहानेउपन्यास उपहार कहानियाँ कला दीर्घा कविताएँ गौरवगाथा पुराने अंक नगरनामा रचना प्रसंग
घर–परिवार नाटक परिक्रमा पर्व–परिचय प्रकृति पर्यटन प्रेरक प्रसंग प्रौद्योगिकी फुलवारी रसोई विज्ञान वार्ता
कलम गही नहिं हाथ दो पलबतरस से लिखवट विशेषांक हिंदी लिंक साहित्य संगम संस्मरणचुटकुले
डाक-टिकट संग्रहअंतरजाल पर लेखन साहित्य समाचार साहित्यिक निबंध स्वास्थ्य हास्य व्यंग्यडाउनलोड परिसर

© सर्वाधिकार सुरक्षित
"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक माह के पहले सप्ताह मे प्रकाशित होती है।

प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -|- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन
-|-
सहयोग : रतन मूलचंदानी
 पता-

Google
Search WWW Search www.abhivyakti-hindi.org