अनुभूति

16. 6. 2005

आज सिरहानेउपन्यासउपहारकहानियांकला दीर्घाकविताएंगौरवगाथापुराने अंकनगरनामारचना प्रसंग
घर–परिवारदो पलपरिक्रमापर्व–परिचयप्रकृतिपर्यटनप्रेरक प्रसंग
प्रौद्योगिकीफुलवारीरसोईलेखकविज्ञान वार्ता
विशेषांकशिक्षा–सूत्रसाहित्य संगमसंस्मरणसाहित्य समाचारसाहित्यिक निबंधस्वास्थ्यसंपर्कहास्य व्यंग्य

 

पिछले सप्ताह

मंच मचान में
अशोक चक्रधर के शब्दों में 
पटाख–तखल्लुस यानि
उपनामोपनाम

°

रचना प्रसंग में
आर पी शर्मा 'महर्षि' के धारावाहिक
'ग़ज़ल लिखते समय' का आठवां भाग
ग़ज़ल के लिए हिंदी छंद–1

°

बड़ी सड़क की तेज़ गली में
अतुल अरोरा के साथ
पश्चिम की दीवानी दुनियाः डलास के किस्से

°

रसोईघर में
पुलावों की सूची में नया व्यंजन
गाजर का पुलाव

°

कहानियों में
डेनमार्क से अर्चना पेन्यूली की कहानी
बदल जाती है ज़िन्दग़ी

मंजूषा त्रिवेदी ने जब लेटरबॉक्स खोला तो 
उसमें दो पत्र पड़े थे। लिफ़ाफ़ों के रंग, आकार व उनके डाक टिकटों से साफ़ पता चल रहा था कि दोनो पत्र भारत से आए हैं। मंजूषा का दिल धड़क गया। कांपते हाथों से पत्रों को उठाया। एक मुंबई से ईशा का था, दूसरा बड़ौदा से मंयक का। उसके हृदय की धड़कन और बढ़ गई, "यह क्या दोनों बच्चों के जवाब एक साथ आ गए।" दूसरे ही पल सोचने लगी, ऐसा भी हो सकता है कि दोनों चिठ्ठियां तीन–चार दिनों के अंतर में आई हाें। वह तो आज पूरे एक हफ्ते बाद लेटरबॉक्स खोल रही है, इसलिए एक साथ मिलीं। दोनों पत्रों को थाम वह लिफ्ट की ओर बढ़ गई।

नये अंकों की सूचना के लिये
अपना ई मेल यहां लिख भेजें

 

इस सप्ताह

कहानियों में
यू के से उषा राजे सक्सेना की कहानी
शर्ली सिंपसन शुतुर्मुर्ग है

चेरी ब्लॉसम जवां है। डलियों पर हज़ारों–लाखों लाल–गुलाबी फूल गजरे की तरह गुथे हुए हैं। नन्हीं–नन्हीं गुलाबी नर्म पंखुड़ियां निःशब्द झर्रझर्र झरती गुलाबी तितलियों सी
उसके बालों, पलकों, होंठों, कंधों, वक्षस्थल को संवेदनशील स्पर्श देकर उमगाती हैं। वह पुलक पुलक उठती है और सहज ही प्रकृति के सौदर्य के साथ एकरस हो जाती है।
हाइडपार्क के बीचोबीच बहती सरपेंटाइन लेक सर्पीली गति से बहती चांदी सी चमक रही है। वासंती हवा झील के नीले पानी के ऊपर से बहती हुई उसके यौवन को सहलाती है। लंदन की सुहानी ग्रीष्म उसके तन–बदन में फुलझरियों का सा स्फुरण करती है।

°

सामयिकी में
कबीर जयंती के अवसर पर
डा प्रेम जनमेजय का नाटक
देखौ कर्म कबीर का

°

रचना प्रसंग में
आर पी शर्मा 'महर्षि' के धारावाहिक
'ग़ज़ल लिखते समय' का नवां भाग
ग़ज़ल के लिए हिंदी छंद–2

°

ललित निबंध में
पूर्णिमा वर्मन का आलेख
ग्रीष्म के शीतल मनोरंजन

°

आज सिरहाने
रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' का कविता संग्रह 
अंजुरी भर आसीस

°

सप्ताह का विचार
कता का किला सबसे सुदृढ़ होता है। उसके भीतर रह कर कोई भी प्राणी असुरक्षा अनुभव नहीं करता।
अज्ञात

 

अनुभूति में

गौरवग्राम में
श्रीकृष्ण सरल
हाइकु में भगवतशरण अग्रवाल और संकलन में गर्मी के मौसम की कविताएं

–° पिछले अंकों से °–

कहानियों में

बस कब चलेगी–संजय विद्रोही
लॉटरी–राकेश त्यागी
संदर्भहीन–सुदर्शन प्रियदर्शिनी
रोशनी का टुकड़ा–अभिनव शुक्ल
ओ रे चिरूंगन मेरे–मीना काकोडकर 
खाल–विनीता अग्रवाल

°

हास्य व्यंग्य में

मानवाधिकार–डा नरेन्द्र कोहली
सांस्कृतिक विरासत–अगस्त्य कोहली

मुक्त मुक्त का दौर–डा नवीन चंद्र लोहनी
कौन किसका बाप–महेशचंद्र द्विवेदी

°

विज्ञान वार्ता में
आशीष गर्ग का लेखः कैसे काम करता है
स्मोक डिटेक्टर

°

फुलवारी में
आविष्कारों की नयी कहानियां
और शिल्पकोना में पानी पीने के लिए
काग़ज़ का गिलास

°

सामयिकी में
डा जगदीश व्योम का संस्मरण
स्मृतिशेष डा उर्मिलेश

°

प्रौद्योगिकी में
रविशंकर श्रीवास्तव का स्नेहपूर्ण निमंत्रण
चलो चिट्टा लिखें

°

साहित्यिक निबंध में
भारतेन्दु मिश्र का आलेख
दोहे की वापसी

°

 

अपनी प्रतिक्रिया   लिखें / पढ़ें

Click here to send this site to a friend!

आज सिरहानेउपन्यासउपहारकहानियांकला दीर्घाकविताएंगौरवगाथापुराने अंकनगरनामारचना प्रसंग
घर–परिवारदो पलपरिक्रमापर्व–परिचयप्रकृतिपर्यटनप्रेरक प्रसंग
प्रौद्योगिकीफुलवारीरसोईलेखकविज्ञान वार्ता
विशेषांकशिक्षा–सूत्रसाहित्य संगमसंस्मरणसाहित्य समाचारसाहित्यिक निबंधस्वास्थ्यसंपर्कहास्य व्यंग्य

© सर्वाधिकार सुरक्षित
"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरूचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों  अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
यह पत्रिका प्रत्येक माह की 1 – 9 – 16 तथा 24 तारीख को परिवर्धित होती है।

प्रकाशन : प्रवीन सक्सेना  परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन 
 सहयोग : दीपिका जोशी
फ़ौंट सहयोग :प्रबुद्ध कालिया

 

 

 
Google
Search WWW Search www.abhivyakti-hindi.org