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लेखकों से
 १. ९. २०१८

इस माह-

अनुभूति में- गीतों में रविशंकर मिश्र रवि, अंजुमन में रमा प्रवीर वर्मा, दिशांतर में रेखा राजवंशी और क्षणिकाओं में मिथिलेश दीक्षित की रचनाएँ...

-- घर परिवार में

रसोईघर में- इस माह वर्षा के मौसम को और मनोरंजक बनाते हुए, हमारी रसोई संपादक शुचि प्रस्तुत कर रही हैं - मटर से भरी आलू की टिक्की

स्वास्थ्य में- मस्तिष्क को सदा स्वस्थ, सक्रिय और स्फूर्तिदायक बनाए रखने के २७ उपाय- २४- यात्राएँ जारी रखें।

बागबानी- वनस्पति एवं मनुष्य दोनो का गहरा संबंध है फिर ज्योतिष में ये दोनो अलग कैसे हो सकते हैं। जानें- ९- दूब और चंदन के विषय में।

भारत के विचित्र गाँव- जैसे विश्व में अन्यत्र नहीं हैं-  ९- भुतहा और शापित गाँव कुलधरा जहाँ कोई नहीं रहता।

- रचना व मनोरंजन में

क्या आप जानते हैं- इस माह (सितंबर) की विभिन्न तिथियों में) कितने गौरवशाली भारतीय नागरिकों ने जन्म लिया? ...विस्तार से

संग्रह और संकलन- में प्रस्तुत है- राजा अवस्थी की कलम से शुभम श्रीवास्तव ओम के नवगीत संग्रह- ''फिर उठेगा शोर एक दिन'' का परिचय।

वर्ग पहेली- ३०४
गोपालकृष्ण-भट्ट-आकुल और
रश्मि-आशीष के सहयोग से


हास परिहास
में पाठकों द्वारा भेजे गए चुटकुले

साहित्य एवं संस्कृति में- 

इस माह
लघुकथा विशेशांक के अंतर्गत
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अपर्णा गुप्ता की लघुकथा- परियाँ
जन्नत का दरवाजा खुला... दो परियाँ आईं, नन्हीं नफीसा को देख कर मुस्कराईं और फूलों को उसके ऊपर डालकर उसका स्वागत किया।

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अलका अस्थाना की लघुकथा- आँगन
बगल में रहती थीं रेशमी अम्मा जब देखो तब ये बनाना वो बनाना और बस कुछ भी त्योहार हो पहले से तैयारी शुरू।
बस इसी ख़ासियत के चलते उनका आँगन बारहों महीने गुलजार रहता।

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आभा खरे की लघुकथा साझा दर्द
आज न जाने क्यों ६ वर्षीय भाई माँ के हाथ से खाना खाने की जिद करने लगा। माँ ने गुस्से और झुँझलाहट से उसे झटक दिया। माँ की ये झुँझलाहट बेवजह नहीं थी।

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कविता गुप्ता की लघुकथा घोंसला
आज घोंसला खाली हो गया। कई दिनों से चिड़ियों के कुनबे ने अपने शोर से मेरी गर्मी की दोपहर को आराम विहीन कर दिया था। मना रही थी कि जल्दी से बच्चों के पंख निकलें और वो यहाँ से उड़ जाएँ।

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आभा चंद्रा की लघुकथा रिश्ता

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डॉ. आशा सिंह की लघुकथा क्रेडिट कार्ड के सपने और सत्य

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चंद्रकांता चौधरी की लघुकथा माँ

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ज्योत्सना सिंह की लघुकथा भावनाओं के संबल

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तनु श्रीवास्तव की लघुकथा गिरती साख

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पल्लवी मिश्रा की लघुकथा तस्वीर

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प्रीति श्रीवास्तव की लघुकथा कशमकश

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प्रेरणा गुप्ता की लघुकथा धुआँ

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शरदिन्दु मुकर्जी की लघुकथा तमाशबीन

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शरद आलोक की लघुकथा अंतिम समिधा

 

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अर्चना गंगवार की लघुकथा- रंगत
निशा गुनगुनाते हुए अपनी नवजात बिटिया की मालिश कर रही थी। "हो ओ… मेरे घर आई एक नन्हीं परी, चाँदनी से हसीन रथ पे सवार …” अपने तीखे नाक नक्श और...

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इरा जौहरी की लघुकथा रिटायरमेंट के बाद वाला इश्क
यों तो ये इश्क मोहब्बत की बातें कम उम्र के नौजवानों को शोभा देती हैं पर इश्क का क्या करें, किसी भी उम्र में किसी से भी हो सकता है...

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विनोदिनी रस्तोगी की लघुकथा मूर्तिकार
उसकी उंगलियाँ बड़ी तेजी से चल रही थीं. बड़ी लगन से वह मूर्ति को गढ़ रहा था। मूर्ति लगभग तैयार थी। मूर्ति में मूर्तिकार ने युवक और यवती के प्रेम की प्रगाढ़ भावना को व्यक्त किया था।

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सीमा मधुरिमा की लघुकथा होली के रंग

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सुमन श्रीवास्तव की लघुकथा रेड लाइट

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आरती मिश्रा की लघुकथा सौभाग्य दुर्भाग्य

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पूर्णिमा वर्मन की लघुकथा संजीवनी

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डॉ. संध्या तिवारी की लघुकथा चिड़िया उड़

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अनीता अग्रवाल की लघुकथा गुरु घंटाल

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पूनम डोगरा की लघुकथा डोर

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कल्पना रामानी की लघुकथा तकलीफ

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त्रिलोचना कौर की लघुकथा एक और पाप

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ज्ञानवती-दीक्षित-की-लघुकथा-साहित्य-के-कूचे-से

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भारती सिंह की लघुकथा भ्रम

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कुंती मुकर्जी की लघुकथा अंगूर का स्वाद
एक दिन मैंने बाग में तोते को अंगूर खाते देखा। मुझे बचपन की पढ़ी लोमड़ी और अंगूर की कहानी याद आ गयी।
मैंने उससे पूछा- "कहो तोते मियाँ, अंगूर कैसे हैं?"

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"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है
यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को प्रकाशित होती है।


प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -|- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन

 
सहयोग : कल्पना रामानी
 

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