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२४ जुलाई २००२

कहानियाँ कविताएँ साहित्य संगम दो पल कला दीर्घा साहित्यिक निबंधउपहार परिक्रमा
फुलवारी हास्य व्यंग्य प्रकृति पर्यटन संस्मरण प्रेरक प्रसंग रसोई स्वास्थ्य घर–परिवार
पर्व–परिचयगौरवगाथाशिक्षा–सूत्र आभारसंदर्भ लेखकसंपर्क लेखकों से

पिछले सप्ताह

हास्य व्यंग्य में
प्रेम जनमेजय का आलेख
अध्यक्षस्य प्रथम दिवसे

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उपहार में
नया जावा आलेख कविता के साथ
जन्मदिन आए बारंबार

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दो पल में
कुदरत की करामात के अंतर्गत
अश्विन गांधी के कैमरे का जादू
झरना–1 झरना–2
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साहित्यिक निबंध में
शैलेनद्र चौहान का आलेख
साहित्य में वैज्ञानिक व सामाजिक चेतना

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कहानियों में
भारत से मिथिलेश्वर की कहानी
बारिश की रात

हालांकि यह स्थिति सिर्फ सचदेव बाबू की ही नहीं थी। पूरे शहर पर खौफ का यह कहर था। आये दिन चोरी, लूट, हत्या, बलात्कार, राहजनी और अपहरण की घटनाओं ने लोगों को बेतरह भयभीत और असुरक्षित बना दिया था। कभी रातों में गुलजार रहनेवाला उनका यह शहर अब शाम गहराते ही शमशानी सन्नाटे में तब्दील होने लगा था। अब रातों में सड़कों और गलियों में नजर आनेवाले लोग शहर के सामान्य और संभ्रांत नागरिक नहीं, संदिग्ध लोग होते थे।

इस सप्ताह

कहानियों में
अंबरीश मिश्रा की कहानी
सतह से ऊपर

समय से पहले हम तिलक राज के घर  पहुँच जाया करते। पन्द्रह सीढ़ियों को चढ़ने के बाद दरवाजे से होते हुये ठीक उसके आँगन में पहुँच जाते। पहली सीढ़ी से ही पराठों के बनने से निकलने वाली घी के धुँए की सुगन्ध नाक में आती। दो–तीन पराठों का नाश्ता करता तिलक राज। तीन पर्तों वाले लाल–लाल सिके पराठों को माँ गोल सा करके गुपली बना कर तिलक राज के हाथों में दे देती। 
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पर्यटन में
पर्यटक के साथ नेपाल की यात्रा
और मनोरम चित्र
नयनाभिराम नेपाल

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संस्मरण में
राजेन्द्र अवस्थी के विषय में जसदेव सिंह का भावभीना संस्मरण
कालजयी कवि का अवसान

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परिक्रमा में
लंदन पाती के अंतर्गत यू के से
शैल अग्रवाल का आलेख
जहाँ तक नज़र जाए

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पर्व परिचय में
कजरी के विषय में भगवती प्रसाद द्विवेदी का आलेख
झूला लागल कदम की डारी

अनुभूति में 

नए पुराने कवियों की बीस से अधिक नई कविताएँ

पिछले अंक से-

साहित्य संगम में
इंदुलता महान्ति की उड़िया कहानी
का हिन्दी रूपांतर
सुरभित संपर्क

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परिक्रमा में
दिल्ली दरबार में भारत की विभिन्न घटनाओं के साथ बृजेशकुमार
शुक्ला की रपट
सीमा पर सेनाएं

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साहित्य समाचार


रसोईघर में
मिठाइयों में प्रस्तुत है
बदाम बर्फ़ी
की व्यंजन विधि और नमकीन में
आलू की टिक्की

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प्रेरक प्रसंग में
राजकुमार पासवान की
बुद्धिमान कौन

प्रकाशन : प्रवीन सक्सेना  परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन, सहयोग : दीपिका जोशी
तकनीकी सहयोग : प्रबुद्ध कालिया  साहित्य संयोजक : बृजेश कुमार शुक्ला

 
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