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९ नवंबर २००२

कहानियाँ कविताएँ साहित्य संगम दो पल कला दीर्घा साहित्यिक निबंधउपहार परिक्रमा
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कथा महोत्सव
२००२
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प्रवासी हिन्दी लेखकों की कहानियों के संकलन वतन से दूर में प्रस्तुत की गयीं तेरह बेहतरीन कहानियाँ
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बीमा बीस्माट
यूके से उषा राजे सक्सेना

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स्मृतियां
कैनेडा से सुमन कुमार घेई

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अवसान
यू एस ए से सुषम बेदी 

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आकाश की बेटी
यू के से गौतम सचदेव

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सदाफूली  
कुवैत से दीपिका जोशी

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क्षितिज पर उड़ती स्कार्लेट आयबिस
त्रिनिडाड से प्रेम जनमेजय

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यों ही चलते हुए
यू ए ई से पूर्णिमा वर्मन

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रौनी
यू के उषा वर्मा की कहानी

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मंजिल के करीब
नार्वे से सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक'

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जड़ों से कटने पर
यू ए ई से कृष्ण बिहारी

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वापसी
यू के से शैल अग्रवाल

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उपलब्धियाँ
यू  एस ए से सुरेन्द्रनाथ तिवारी

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अनजाना सफर
कनाडा से अश्विन गांधी

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तन से दूर बसे हिन्दी के लेखकों
की हृदयस्पर्शी कहानियों का यह संकलन पूरा हो रहा है।
परदेसी लेखकों की
इस प्रस्तुति का हार्दिक आभार!

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लेकिन उत्सवों का सिलसिला जारी रहेगा पहली जनवरी से प्रारंभ करेंगे भारत के प्रतिष्ठित एवं उदीयमान लेखकों की अप्रकाशित कहानियों का महोत्सव जिनमें होगी अपनी
'मिट्टी की गंध'

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इस सप्ताह

कहानियों में
भारत से जयनंदन की कहानी 
पेटू

दरबारी प्रसाद की आंखें आंसुओं से डबडबा गयीं  . . .लगा कि आज भी वे उतने ही बेबस हैं, उतने ही भूखे हैं जितने गांव में थे।  फर्क सिर्फ इतना था कि भूख की वेदना अब आंत में नहीं जिगर में थी।  दीदी उनके लिए खून की रिश्तेवाली सिर्फ एक सामान्य बहन नहीं थी।  बल्कि उनकी भूख और भोजन से उसकी कई मार्मिक यादें जुड़ी थीं।
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परिक्रमा में
भारत से कश्मीर, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और गुजरात की घटनाओं का लेखाजोखा प्रस्तुत कर रहे हैं बृजेश कुमार शुक्ला अपने आलेख
कश्मीर में चुनाव
के अंतर्गत
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धारावाहिक में
महानगर की कहानियाँ के अंतर्गत
सूरज प्रकाश की एक और लघुकथा
संतुलन
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रसोई घर में
मिठाइयों के क्रम में मूंग की दाल का
दाल हलवा और पाठकों के अनुरोध पर तुरत तैयार ढोकले
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उपहार में
जन्मदिवस के अवसर हेतु सुंदर संदेश
शुभ कामनाएं
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सप्ताह का विचार


 सही स्थान पर बोया गया सुकर्म का बीज ही महान फल देता है।
— कथा सरित्सागर

साहित्य समाचार

 पचास से
अधिक दीपावली कविताओं से
सुसज्जित सुंदर संकलन ज्योति पर्व

अनुभूति में

दीपावली विशेषांक से

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दीपावली का दार्शनिक पक्ष
एम सी कटरपंच

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दीपदान का लोकपर्व दीवाली– प्रमिला कटरपंच

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राम का अयन वनडा विद्यानिवास मिश्र

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दीप ज्योति नमस्तुते–पूर्णिमा वर्मन

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दीपावली और वास्तु विमल झाझरिया

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हास्य–व्यंग्य में के पी सक्सेना के दगे पटाखों की महक और

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दीपक की व्यथा कथा– उमाशंकर चतुर्वेदी

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फुलवारी में बच्चों के लिये
चित्र–कथा कौन जोड़ेगा चित्र तथा कविता दिवाली 

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उपहार में कविता मंगलमय फुलझरियां छूटें

पिछले अंक से-
संस्मरण में प्रसिद्ध लेखक अमृत राय के विषय में गीता बंद्योपाध्याय का आलेख क्या अधिकार था तुम्हें अमृत
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लादीर्घा में
कला और कलाकार के अंतर्गत
लक्ष्मण-पै अपनी कलाकृतियों के साथ
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स्वाद और स्वास्थ्य में सोयाबीन के गुणों की चर्चा सर्वोत्तम सोयाबीन में
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पर्यटन में
डन्कार प्रदेश में पर्वतारोहण की कहानी अम्बरीश मिश्रा की कलम से हिमालय के हमसफर
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धारावाहिक में
अभिज्ञात की आत्मकथा  तेरे बगैर अगली किस्त- भूलने वाले तुझे क्या याद भी आता हूं मैं
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परिक्रमा में
लंदन पाती के अंतर्गत यूरोप से 
शैल अग्रवाल पस्तुत कर रही हैं
विश्व–दिवस एक श्रद्धांजलि
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प्रकाशन : प्रवीन सक्सेना   परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन, सहयोग : दीपिका जोशी
तकनीकी सहयोग :प्रबुद्ध कालिया साहित्य संयोजन :बृजेश कुमार शुक्ला

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