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१६ जनवरी २००२

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गणतंत्र दिवस के अवसर पर
विशेष कहानी- सूबेदार बग्गा सिंह

जख्मी अस्पताल में आ रहे हैं... शहीदों के शव लाये जा रहे हैं... बड़े हौसले से माँ-बाप कहते हैं... 'एक बेटा क्या सब न्योछावर कर सकते हैं देश पर'... 'धन्य हो... धन्य हो'... वह बड़बड़ाता रहता। 'जाने मेरा शेर पुत्तर आर्मी में गया या नहीं। कुछ पता होता तो सीना तान सिर ऊँचा उठा कह देता... 'मेरा बेटा भी टक्कर ले रहा है दुश्मनों से... 

साहित्य संगम में
इंदिरा गोस्वामी की कहानी वंशबेल
हिन्दी रूपांतरकार हैं श्रवण कुमार

गांव का महाजन पीतांबर अपने घर के सामने पेड़ के ठूंठ पर बैठा था। वह पचास को पार कर चुका था। कभी काफी हट्टा कट्टा था  लेकिन अब उसे चिंता ने दुबला दिया था। उसकी ठुड्डी के नीचे की खाल लटकने लगी थी। वह दूर निगाहें टिकाये एक बच्चे को देखे जा रहा था  जो अपनी बंसी की फंसी डोरी को छुड़ाने की कोशिश में था।

कहानियों में 
मुम्बई से सूरज प्रकाश की कहानी 
घर बेघर

लंदन से महेश आया हुआ है। यारी रोड का अपना मकान खाली कराने के लिए। दो बरस पहले जब वह हमेशा के लिए लंदन बसने के इरादे से बंबई से गया था वो एक भरोसेमंद एजेंट की मार्फत एक बरस के लिए अपना मकान एक मलयाली को दे कर गया था। तय हुआ था कि वह ठीक एक साल बाद मकान खाली कर देगा। 

परिक्रमा में
चीनी प्रधान मंत्री की भारत यात्रा 
पर आधारित सम सामयिक लेख
भारत और चीन 
एशिया महाद्वीप पर बनते 
नये समीकरण

दो पल में 
कुदरत की करामात के अंतर्गत
केलोवना के 
दर्शनीय आकाश चित्र
अश्विन गांधी के कैमरे से 
आकाश  आकाश

 

पर्यटन
में मैडि्रड के स्थापत्य
और भोजन शैली का जायज़ा
स्पानी स्थापत्य का
सौन्दर्य : मैडि्रड
 
में

 

साहित्य चर्चा में
बीते साल में हिन्दी साहित्य के
उतार चढ़ाव का जायज़ा
लेखा जोखा साहित्य
2001 में

  

रसोईघर में 
नारियल बर्फी मठरी
की व्यंजन विधिया 

 

स्वाद और स्वास्थ्य
के अंतर्गत अदरख के स्वास्थ्य
संबंधी गुणों की चर्चा 
सर्दी में लाभदायक
अदरक

 

हास्य व्यंग्य में
र श केलकर की व्यंग्य रचना
लेखक और नारी


 साहित्य समाचार
नार्वे व भारत से

अनुभूति में

शरद महोत्सव के अंतर्गत साठ कविताओं  से ऊपर पहुँचता 
नया संकलन
'गाँव में अलाव'

पिछले अंक से-

गौरव गाथा में
इंशा
अल्ला कृत
रानी केतकी की कहानी


परिक्रमा में 
भारत में आतंकवाद पर
एक रपट बृजेश कुमार शुक्ल द्वारा
  भारतीय संप्रभुता पर हमला
 

घर परिवार में 
बधाई पत्रों के बारे में खोजपूर्ण सामग्री
बधाई हो बधाई

 
कला दीर्घा में 
मध्यप्रदेश की लोककला गोंड कलाकृतियों के विषय में 
 
उपहार में 
दोस्ती के नये आयाम 
प्रस्तुत करती भावभीनी रचना
अबकी बार


 
प्रकृति में
शरद ऋतु की मनभावन झांकी डा भगवतीशरण मिश्र की कलम से वर्षा विगत शरद ऋतु आयी

 
प्रेरक प्रसंग में
कठिन समय में द्विविधा को दूर करने वाला प्रेरक प्रसंग सही चुनाव सुधा की कलम से

 
फुलवारी में 
चित्रा रामास्वामी की प्रेरणाप्रद कहानी ईमानदारी और शंभुदयाल सक्सेना की कविता नाव
 

संस्मरण में
कथाकार व उपन्यासकार शिवानी की कलम से अविस्मरणीय संस्मरण अरूंधती

प्रकाशन : प्रवीन सक्सेना   परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन  कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन
सहयोग : दीपिका जोशी
  तकनीकी सहयोग : प्रबुद्ध कालिया

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