शुषा लिपि
सहायता

अनुभूति

24. 3. 2003

कहानियांकविताएंसाहित्य संगमदो पलकला दीर्घासाहित्यिक निबंधउपहारपरिक्रमाआज सिरहाने
फुलवारीहास्य व्यंग्यप्रकृतिपर्यटनसंस्मरणप्रेरक प्रसंगरसोईस्वास्थ्यघर–परिवारविज्ञान वार्ता
पर्व–परिचयगौरवगाथाशिक्षा–सूत्रआभारसंदर्भलेखकसंपर्क लेखकों से  

पिछले सप्ताह

होली के अवसर पर
श्यामनारायण वर्मा का ललित निबंध
मादक छंद वसंत के

और

महेश कटरपंच का आलेख
सुनिये रंगों के संदेश

°

कहानियों में
भारत से जयनंदन की कहानी
हीरो

हमें उन दिनों अपना देश बहुत अच्छा लगता था और देश में अपना गांव
सबसे अच्छा लगता था और अपने
गांव में रदीफ रौनक बेमिसाल लगता
था और रदीफ रौनक में उसकी फिल्मी
हीरो बनने की खब्त तथा उसकी
हैरतअंगेज मोहब्बत हमें खास तौर पर
आकर्षित करती थी। गांव के हम उम्र
स्कूली लड़के आई ए एस, आई पी एस,
डॉक्टर, इंजीनियर जैसे कैरियर के
बड़े–बड़े पदों के सपने देखते थे मगर
एक अकेला था रदीफ जो सिर्फ और
सिर्फ हीरो बनने की दिलचस्प तैयार में
संलग्न था।

°

हास्य–व्यंग्य में
बसंत आर्य का व्यंग्य
विश्व कप का बुखार

°

धारावाहिक में
'सागर के इस पार से उस पार से'
की अगली किस्त
पुराने परिचय का अहसास

°

माटी की गंध
कथा महोत्सव 2003
में चुनी गयी

भारत की सुगंध में रची–बसी 
10 कहानियों में से
पहली कहानी, 1 अप्रैल के अंक में 
चंडीगढ़ से डा नरेश की — 'ममता'

पुरस्कारों का विवरण

 

इस सप्ताह

कहानियों में
यू के से तेजेन्द्र शर्मा की कहानी
गंदगी का बक्सा

आज लगभग दो वर्ष होने जा रहे हैं। दिलीप ने काम धाम छोड़ रखा है। घर में भी शराब और शाम को 'पब' मे भी शराब। नाश्ते और भोजन मे केवल शराब ही शराब। ऐसा क्या दुख है दिलीप को? वह क्यों नहीं समझ पा रहा है कि उसके इस व्यवहार से जया को कितना दुख पहुंच रहा है? वह बेचारी दिन भर नौकरी करती है, घर आ कर अपनी बेटी पलक की पढ़ाई में सहायता करती है, और रात को भोजन बना कर दिलीप की प्रतीक्षा करती है।  . . .अब तो प्रतीक्षा करना भी बन्द कर दिया है  . . .
°

सामयिकी में
लोकपिय कथा लेखिका शिवानी
की याद में कुछ उनकी कलम से
कुछ पुस्तकों से पृष्ठों से
 
स्मृतियों के सारांश
°

परिक्रमा में
23 मार्च को लंदन में अंतर्राष्ट्रीय हिंदी
सम्मेलन सम्पन्न हुआ। इस अवसर 
अनिल शर्मा का विस्तृत आलेख
ब्रिटेन में हिंदीःअस्तित्व से अस्मिता तक
और
नार्वे से डा सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक' का लघु–लेख
विश्व में उथल पुथल
°

विज्ञान वार्ता में
देश विदेश से विज्ञान समाचार
प्रस्तुत कर रहे हैं डा गुरूदयाल प्रदीप
°

साक्षात्कार में
कमलेश्वर से बातचीत कर रहे हैं
कृष्ण बिहारी
°

!सप्ताह का विचार!
दुखियारों को हमदर्दी के आंसू भी 
कम प्यारे नहीं होते।
प्रेमचंद

 

प्रसिद्ध कथा लेखिका व उपन्यासकार
शिवानी का 21 मार्च को तड़के
लखनऊ में निधन हो गया। वे
79 वर्ष की थीं। दिवंगत
आत्मा को अभिव्यक्ति परिवार की
ओर से भाव भीनी श्रद्धांजलि।

शिवानी से संबंधित विशेष पृष्ठः

अनुभूति में

देश विदेश से 20 नयी होली
कविताएं। साथ ही 31 परिचित
कविताएं वसंती हवा से

होली विशेषांक

° पिछले अंकों से°

कहानियों में
औरतःदो चेहरेसुधा अरोड़ा
टोबा टेक सिंह–सआदत हसन मंटो

°

रसोईघर में शाकाहारी मुगलई का 
मस्त ज़ायका
कढ़ाई पनीर
°

प्रेरक प्रसंग में
पदमा चौगांवकर की बोध कथा
पगडंडी
°

कलादीर्घा में कला और कलाकार के
अंतर्गत
मनसाराम
°

परिक्रमा में
दिल्ली दरबार के अंतर्गत
बृजेश कुमार शुक्ला का आलेख
आतंकवाद के विरूद्ध
!°!

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"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरूचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार 
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प्रकाशन : प्रवीन सक्सेन परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन     
      सहयोग : दीपिका जोशी
तकनीकी सहयोग :प्रबुद्ध कालिया
 साहित्य संयोजन :बृजेश कुमार शुक्ला