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19.  11.  2006 

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पिछले सप्ताह
1
हास्य व्यंग्य में
डॉ .शिवदेव मन्हास के विचार
क्रिकेट के बारे में

°

प्रकृति और पर्यावरण में
स्वदेशी से जानें
कचरे का कमाल

°

संस्मरण में
अनूप कुमार शुक्ल की पुष्पांजलि
बोलो बोलो रमानाथ अवस्थी

°

फुलवारी में
मौसम के विषय में जानकारी की बातें
जलवायु

°  

कहानियों में
भारत से मनमोहन सरल की कहानी
पानी

 सावित्री ने ऐसे रो हाउस पहली बार इंग्लैंड में देखे थे। उसे एक बार भाटिया साहब अपने साथ विदेश ले गए थे। लंदन के एक दूर–दराज के उपनगर सिटिंगबोर्न में विद्यार्थी जीवन का उनका एक दोस्त रहता था। उसी के घर ठहरे थे वे दोनों। ऐसे घर को रो हाउस कहते हैं, बताया था भाटिया साहब ने। पर वे सभी घर बहुत साफ़ और खूबसूरत थे। लॉन की घास भी खूब हरी थी और लॉन में पानी देने का एक फव्वारा–सा था जिसे स्प्रिंकलर कहते थे वे लोग। जब पानी की टोंटी खोल दी जाती तो वह फव्वारा नाचने लगता था और नाच–नाच कर लॉन की घास को सींचता था। सावित्री को वह बहुत अच्छा लगता और वह जितनी देर भी वहां रही, खाली वक्त निकाल कर उसे नाचते हुए देखती रही थी।
°

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इस सप्ताह
1
कहानियों में
यू एस ए से डॉ प्रतिभा सक्सेना की कहानी
तार

 वह ब़डा उदास था। थोड़ी देर पहले ही उसे तार मिला था, उसके भतीजे की मृत्यु हो गई थी। जवान भतीजा खूब तंदुरूस्त, अच्छा ऊंचा पूरा, नाक के नीचे स्याह रेखाएं बहुत स्पष्ट दिखने लगीं थीं, डूब कर मर गया। ऐसी कोई बात नहीं थी कि जान-बूझ कर या किसी मजबूरी की वजह से कुछ कर बैठा हो। बड़ी मस्त तबीयत का था। किसे मालूम था जाकर वापस नहीं लौटेगा! सहसा विश्वास नहीं हुआ कि हितेन मर गया है। अभी कुछ दिन पहले ही तो उसके पास आया था। एक हफ्ते साथ-साथ रहे थे दोनों। उम्र में भी तो कोई ख़ास अंतर नहीं था। घर में कोई उसके सबसे निकट था तो बस हितेन ही। भतीजे से अधिक दोस्त था वह उसका।

°

हास्य व्यंग्य में
गुरमीत बेदी से सुनें कि वे किसलिए
आजकल नाराज चल रहे हैं

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महानगर की कहानियों में
डा फकीरचंद शुक्ल की रचना
दृढ़ निश्चय

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पर्व परिचय में
चंदननगर, हुगली से मानोशी चैटर्जी की
जगद्धात्री पूजा

°

रसोईघर में
गरमा गरम पक कर तैयार है
हराभरा पुलाव
°

 सप्ताह का विचार
भूख प्यास से जितने लोगों की मृत्यु
होती है उससे कहीं अधिक लोगों की
मृत्यु ज्य़ादा खाने और ज्य़ादा पीने से
होती है। — कहावत

 

राम अधीर के गीत तथा राजेश शर्मा, शबनम शर्मा

ऋतेश कुमार की कविताएं

दीपावली विशेषांक समग्र

–° पिछले अंकों से °–

कहानियों में
ढिबरी टाइट – तेजेन्द्र शर्मा
हवाघर – डॉ हरिसुमन बिष्ट
श्रीभट्ट (नाटक) – शिबन कृष्ण रैणा
तलवार – मधुसूदन आनंद
पुराने कपड़े – शरद सिंह
लौटते हुए – सी पी श्रीरामन
°

हास्य व्यंग्य में
एक महान . . .– मुरली मनोहर श्रीवास्तव
विभीषण की सरकार–अभिनव शुक्ल
हार्दिक बधाई – रवि रतलामी
रहस्य राम–वनवास का–जवाहर चौधरी

°

प्रौद्योगिकी में
रविशंकर श्रीवास्तव से कुछ अंदरूनी बातें
एमपी3 प्लेयर के संबंध में
°

फिल्म इल्म में
अजय ब्रह्मात्मज के फिल्मी संसार की
वे प्रसिद्ध महिलाएं
°

साहित्य समाचार में
कलकता और लखनऊ से
दो समाचार
°

साहित्यिक निबंध में
मनोहर पुरी का विस्तृत विवरण
पर्व पुंज दीपावली
°

ललित निबंध में
रमेश तिवारी विराम का आलेख
ज्योतिपर्व की जय
°

दृष्टिकोण में
रमेश गौतम के विचार
तुलसी कथा रघुनाथ की

 

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"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरूचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
यह पत्रिका प्रत्येक माह की 1 – 9 – 16 तथा 24 तारीख को परिवर्धित होती है।

प्रकाशन : प्रवीन सक्सेना  परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन 
 सहयोग : दीपिका जोशी
फ़ौंट सहयोग :प्रबुद्ध कालिया

 

 
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