लेखकों से
कृपया
केवल नए पते पर पत्रव्यवहार करें


124.  11.  2006 

आज सिरहानेउपन्यासउपहारकहानियांकला दीर्घाकविताएंगौरवगाथापुराने अंकनगरनामारचना प्रसंगपर्व पंचांग
घर–परिवारदो पलनाटकपरिक्रमापर्व–परिचयप्रकृतिपर्यटनप्रेरक प्रसंगप्रौद्योगिकीफुलवारीरसोईलेखक
विज्ञान वार्ताविशेषांकहिंदी लिंकसाहित्य संगमसंस्मरणसाहित्य समाचारसाहित्यिक निबंधस्वास्थ्यहास्य व्यंग्य

 

पिछले सप्ताह
1
हास्य व्यंग्य में
शास्त्री नित्यगोपाल कटारे की चिंता
वे बच्चे नहीं रहना चाहते

°

साहित्यक निबंध में
देवेंद्र देवेश का आलेख
बाल–पत्रिकाओं की भूमिका

°

पर्व परिचय में
डा जगदीश व्योम दिखा रहे हैं
बाल साहित्य का केन्द्र
लोक साहित्य

°

फिल्म इल्म में
अजय ब्रह्मात्मज की पड़ताल
बच्चों का फिल्म संसार

°

कहानियों में
भारत से बच्चन सिंह की कहानी
बबलू

जिस दिन कांता रात में रिक्शा खींचने लगा था, उस दिन से उसे कुछ बचत होने लगी थी। दस–बीस रूपये काट–कपट कर डाकखाने में जमा करने लगा था। छनिया भी मुहल्ले के एक सेठ के यहां कपड़ा धोने का काम करने लगी थी। उसे महीने में ढाई सौ रूपये और दोपहर का खाना मिलता था। छनिया इस पगार में से दो सौ रूपये कांता को देती थी जिसे वह डाकखाने में डाल देता था। इस बचत से कांता और छनिया दोनों ही
उत्साहित थे। अब बबलू अंग्रेज़ी स्कूल में पढ़ने लगेगा। पढ़–लिखकर साहेब बनेगा और उसकी तकदीर बदल देगा। बुढ़ापा चैन से कटेगा। मान–मर्यादा बढ़ जाएगी।
°

 अपनी प्रतिक्रिया
लिखें पढ़ें

Click here to send this site to a friend!
 

इस सप्ताह
1
कहानियों में
भारत से महेशचंद्र द्विवेदी की कहानी
मानिला की योगिनी

मानिला गांव अल्मोड़ा जनपद में छः हज़ार फीट की ऊंचाई पर घनी पहाड़ियों के बीच स्थित है। मैदान से जाने पर कौर्बेट नेशनल पार्क के बाहर स्थित रामनगर कस्बे से सघन वन प्रारंभ हो जाता है। फिर गरजिया, जहां से कौर्बेट पार्क का प्रवेश द्वार है, होते हुए मोहान पड़ता है। मोहान से मुख्य मार्ग छूट जाता है और बायीं ओर की पतली सड़क पर चलना पड़ता है। यहां से ऊंचाई प्रारंभ हो जाती है, और लगभग साठ किलोमीटर की निर्जन पहाड़ी यात्रा के उपरांत चीड़ एवं बांझ के वनों से घिरा गांव मानीला आता है। बस से उतरने पर बायीं ओर बनी पक्की दूकानों और छोटे–छोटे घरों को देखकर एक कस्बे जैसा भान होता है

°

हास्य व्यंग्य में
राजेन्द्र त्यागी का 
बुद्धिजीवी बनाम बुद्धूजीवी

°

प्रौद्योगिकी में
रविशंकर श्रीवास्तव के साथ
ऑन-लाइन खोज वेबारू से

°

विज्ञान वार्ता में
इतिहास के झरोखे से विज्ञान का कमाल
दिल्ली का लौहस्तंभ

°

साहित्य समाचार में
विश्व के हर कोने से इस माह के
नये समाचार
°

 सप्ताह का विचार
न तो वापस किया जा सकता है परंतु सहानुभूति के शब्द वे ऋण हैं जिसे चुकाना मनुष्य की शक्ति के बाहर है।
—सुदर्शन

 

जारी हैं
बालदिवस के अवसर पर शिशुगीत महोत्सव में नित नवीन शिशुगीत

ताज़ा हिंदी चिट्टों के सारांश
नारद से

–° पिछले अंकों से °–

कहानियों में
तार–डॉ प्रतिभा सक्सेना
पानी–मनमोहन सरल
ढिबरी टाइट – तेजेन्द्र शर्मा
हवाघर – डॉ हरिसुमन बिष्ट
श्रीभट्ट (नाटक) – शिबन कृष्ण रैणा
तलवार – मधुसूदन आनंद
°

हास्य व्यंग्य में
अपुन आजकल . . .– गुरमीत बेदी
क्रिकेट के बारे में–डॉ .शिवदेव मन्हास

एक महान . . .– मुरली मनोहर श्रीवास्तव
विभीषण की सरकार–अभिनव शुक्ल
°

लघुकथा में
डा फकीरचंद शुक्ल की रचना
दृढ़ निश्चय
°

पर्व परिचय में
चंदननगर, हुगली से मानोशी चैटर्जी की
जगद्धात्री पूजा
°

रसोईघर में
गरमा गरम पक कर तैयार है
हराभरा पुलाव
°

प्रकृति और पर्यावरण में
स्वदेशी से जानें
कचरे का कमाल
°

संस्मरण में
अनूप कुमार शुक्ल की पुष्पांजलि
बोलो न बोलो रमानाथ अवस्थी
°

फुलवारी में
मौसम के विषय में जानकारी की बातें
जलवायु
 

आज सिरहानेउपन्यासउपहारकहानियांकला दीर्घाकविताएंगौरवगाथापुराने अंकनगरनामारचना प्रसंगपर्व पंचांग
घर–परिवारदो पलनाटकपरिक्रमापर्व–परिचयप्रकृतिपर्यटनप्रेरक प्रसंगप्रौद्योगिकीफुलवारीरसोईलेखक
विज्ञान वार्ताविशेषांकहिंदी लिंकसाहित्य संगमसंस्मरणसाहित्य समाचारसाहित्यिक निबंधस्वास्थ्यहास्य व्यंग्य

© सर्वाधिकार सुरक्षित
"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरूचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
यह पत्रिका प्रत्येक माह की 1 – 9 – 16 तथा 24 तारीख को परिवर्धित होती है।

प्रकाशन : प्रवीन सक्सेना  परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन
 सहयोग : दीपिका जोशी
फ़ौंट सहयोग :प्रबुद्ध कालिया

 

 
Google
WWW Search www.abhivyakti-hindi.org