अनुभूति

24. 6. 2004 

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पिछले सप्ताह

प्रकृति और पर्यावरण में
प्रभात कुमार का जानकारीपूर्ण आलेख
अभावों का ऋणजल

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आज सिरहाने में
नईम के नवीनतम कविता संग्रह
लिख सकूं तो
से परिचय करवा रहे हैं प्रदीप मिश्र

°

हास्य व्यंग्य में
महेशचंद्र द्विवेदी सुना रहे हैं
हकीम नुसर की खुसर पुसर

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साहित्य समाचार में
घोषित हुए उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के
पुरस्कार

°

गौरवगाथा में
सुप्रसिद्ध कथाकार कमलेश्वर की
बहुचर्चित लंबी कहानी

राजा निरबंसिया

"एक राजा निरबंसिया थे," मां कहानी सुनाया करती थीं। उनके आसपास ही चार–पांच बच्चे अपनी मुठ्ठियों में फूल दबाए कहानी समाप्त होने पर गौरों पर चढ़ाने के लिए उत्सुक–से बैठ जाते थे। आटे का सुन्दर–सा चौक पुरा होता, उसी चौक पर मिट्टी की छः गौरें रखी जातीं, जिनमें से ऊपरवाली के बिन्दिया और सिन्दूर लगता, बाकी पांचों नीचे दबी पूजा ग्रहण करती रहतीं। एक ओर दीपक की बाती स्थिर–सी जलती रहती और मंगल–घट रखा रहता, जिस पर रोली से सथिया बनाया जाता। सभी बैठे बच्चों के मुख पर फूल चढ़ाने की उतावली की जगह कहानी सुनने की सहज स्थिरता उभर आती।

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!इस सप्ताह

उपन्यास अंश में
भारत से विभूति नारायण राय के उपन्यास 'तबादला' से एक अंश
दफ्तर

अफसरों को करने के लिए इस देश में बहुत सारे काम हैं। उन्हें दौरा करना पड़ता है, अपने से बड़े अफसरों को खुश रखना पड़ता है, लंच पर जाना पड़ता है और काफी समय बाथरूम में रहना पड़ता है। इतनी सारी व्यस्तताएं होती हैं कि वे दफ्तर में बैठ नहीं पाते। बाबुओं को दफ्तर में इतना बैठना पड़ता है कि वे किसी काम लायक नहीं रहते। कभी–कभी किसी फाइल की किस्मत अच्छी होती है। बाबू उसे नोटिंग–ड्राफ्टिंग करके सजा–संवार कर ले आता है और अफसर उसमें एक अमूर्त पच्चीकारी करता है। इसे कुछ लोग चिड़िया बैठाना कहते हैं, और कुछ लोग हस्ताक्षर।

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परिक्रमा में
शैल अग्रवाल की लंदन पाती
कब तक

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साहित्यिक निबंध में
अचला शर्मा द्वारा रेडियो नाटकों के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी रोचक अंदाज़ में
रेडियो नाटक का पुनर्जन्म

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पर्व परिचय में
दीपिका जोशी के शब्दों में आषाढ की एकादशी का संक्षिप्त परिचय 
शयनी एकादशी

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उपहार में
शिशुजन्म के अवसर पर शुभकामनाएं भेजने के लिए एक नयी कविता
नये जावा आलेख के साथ
एक सितारा

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!सप्ताह का विचार!
भाग्य के भरोसे बैठे रहने पर भाग्य सोया रहता है पर हिम्मत बांध कर खड़े होने पर भाग्य भी उठ खड़ा होता है। —अज्ञात

 

अनुभूति में

जापान, अमेरिका, सऊदी अरब,
जर्मनी
और
भारत से
20 नई कविताएं

साहित्य समाचार त्रिनिदाद से

° पिछले अंकों से°

कहानियों में
ग़लतफ़हमीसुरेश कुमार गोयल
चरमराहट तेजेन्द्र शर्मा
चोरी–प्रत्यक्षा
कोठेवाली(उपन्यास)स्वदेश राणा
पीठ–ममता कालिया
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सस्मरण में
शेरजंग गर्ग की यादें पुराने दिन और
साहित्यिक मित्रों के साथ

एक था टी हाउस
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वैदिक कहानियों में
डा रति सक्सेना की कलम से
सौर देवता
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रसोईघर में
पुलावों के स्वादिष्ट संग्रह में
पुदीना पुलाव
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नगरनामा में
हार्वर्ड का नगर वृतांत निर्मल वर्मा द्वारा
सीढ़ियों पर सिगरेट
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साक्षात्कार में बिस्मिल्लाह खां से
डा दामोदर खड़से की बातचीत
संगीत
सारा झगड़ा खत्म कर देगा

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मंच मचान में
अशोक चक्रधर प्रस्तुत कर रहे हैं
सखाभाव की साख—नीरज
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फुलवारी में जंगल के पशु श्रृखला में
याक के बारे में जानकारी, याक का चित्र
रंगने के लिए और कविता–याक
°

परिक्रमा में
कनाडा कमान के अंतर्गत मिसीसागा से
सुमन कुमार घई की रपट
अभ्युदय
विमोचन संध्या और
कवि सम्मेलन

 

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© सर्वाधिकार सुरक्षित
"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरूचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
यह पत्रिका प्रत्येक माह की 1 – 9 – 16 तथा 24 तारीख को परिवर्धित होती है।

प्रकाशन : प्रवीन सक्सेना   परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन     
        सहयोग : दीपिका जोशी
तकनीकी सहयोग :प्रबुद्ध कालिया   साहित्य संयोजन :बृजेश कुमार शुक्ला