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१६ नवंबर २००२

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कथा महोत्सव
२००२
प्रवासी हिन्दी लेखकों की कहानियों के संकलन वतन से दूर में प्रस्तुत की गयीं तेरह बेहतरीन कहानियाँ
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बीमा बीस्माट
यूके से उषा राजे सक्सेना

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स्मृतियाँ
कैनेडा से सुमन कुमार घेई

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अवसान
यू एस ए से सुषम बेदी 

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आकाश की बेटी
य्
ाू के से गौतम सचदेव

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सदाफूली  
कुवैत से दीपिका जोशी

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क्षितिज पर उड़ती स्कार्लेट आयबिस
त्रिनिडाड से प्रेम जनमेजय

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यों ही चलते हुए
यू ए ई से पूर्णिमा वर्मन

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रौनी
यू के उषा वर्मा की कहानी

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मंजिल के करीब
नार्वे से सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक'

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जड़ों से कटने पर
यू ए ई से कृष्ण बिहारी

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वापसी
यू के से शैल अग्रवाल

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उपलब्धियाँ
यू  एस ए से सुरेन्द्रनाथ तिवारी

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अनजाना सफर
कनाडा से अश्विन गांधी

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तन से दूर बसे हिन्दी के लेखकों की हृदयस्पर्शी कहानियों का यह संकलन पूरा हो रहा है। परदेसी लेखकों की इस प्रस्तुति का हार्दिक आभार! 
लेकिन उत्सवों का सिलसिला जारी रहेगा पहली जनवरी से प्रारंभ करेंगे भारत के प्रतिष्ठित एवं उदीयमान लेखकों की अप्रकाशित कहानियों का महोत्सव जिनमें होगी अपनी
'मिट्टी की गंध'
या
यह रखना है कि रचनाएँ ३१ दिसंबर तक हमें मिल जानी चाहिये।
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विस्तृत सूचना के लिये
यहाँ देखें

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इस सप्ताह

सहित्य संगम में
गुजराती के सुप्रसिद्ध लेखक 
रजनी कुमार पंड्या की कहानी का हिन्दी रूपांतर
कंपन ज़रा ज़रा

परागी के साथ मेरी सगाई की बात करीब नब्बे प्रतिशत निश्चित थी फिर भी मैं ने कभी अपने बाप से यह  पूछा था कि सगाई कब करने वाले हो?  अरे, उस विचार से ही अपनी नस फट जाती और बात से बाप की नस फट जाती।  वैसे मन तो यही करता कि पूछ, पूछ।  क्योंकि परागी मुझे अच्छी लगती थीं।  यूं तो नाम से ही अच्छी लगने लगी थी लेकिन बाद में जब एक विवाह–प्रसंग में हम आमने–सामने आ गए तभी तय कर लिया था कि शादी करनी होगी तो इस सूरत के साथ ही।

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कलादीर्घा में
कला और कलाकार
के अंतर्गत कृष्णजी हौवाल जी आरा 
का परिचय उनकी कलाकृतियों
के साथ

साहित्य समाचार

निबंध में
महेन्द्र राजा जैन का विचारोत्तेजक लेख
क्या उपन्यास लेखन सिखाया जा सकता है
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धारावाहिक में
सुपचरित लेखक अभिज्ञात की आत्मकथा का अगला भाग
शहूद के बहाने उर्दूवालों की बातें
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प्रेरक प्रसंग में
वागीश की लघुकथा
महानता के लक्षण
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 बाल दिवस के अवसर पर
शिशु–गीतों
का
एक नया
सिलसिला

अनुभूति में

पिछले अंक से-

कहानियों में भारत से जयनंदन की कहानी पेटू
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लघुकथाओं में
महानगर की कहानियाँ
के अंतर्गत सूरज प्रकाश की एक और
लघुकथा
संतुलन
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रसोई घर में मिठाइर् दाल हलवा और नमकीन ढोकले
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उपहार में
जन्मदिवस के अवसर हेतु सुंदर संदेश शुभ कामनाएँ

दीपावली विशेषांक

संस्मरण में
अमृत राय के विषय में
गीता बंद्योपाध्याय का आलेख
क्या अधिकार था तुम्हें अमृत
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पर्यटन में 
डन्कार प्रदेश में पर्वतारोहण
की कहानी अम्बरीश मिश्रा की कलम से
हिमालय के हमसफर
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परिक्रमा में
लंदन पाती के अंतर्गत यूरोप से 
शैल अग्रवाल पस्तुत कर रही हैं
विश्व–दिवस एक श्रद्धांजलि
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कनाडा कमान के अंतर्गत सुमन घई
की कलम से 
टोरोंटो में 
"पैनोरामा" का उत्सव
 

सप्ताह का विचार

चाहे गुरू पर हो या ईश्वर पर, श्रद्धा अवश्य ररवनी  चाहिए। क्योंकि बिना श्रद्धा के सब बातें व्यर्थ होती हैं।
       — समर्थ रामदास
 

दिल्ली दरबार के अंतर्गत भारत से राजनैतिक घटनाओं का लेखाजोखा बृजेश कुमार शुक्ला द्वारा
कश्मीर में चुनाव
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प्रकाशन : प्रवीन सक्सेना   परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन / सहयोग : दीपिका जोशी
तकनीकी सहयोग : प्रबुद्ध कालिया, साहित्य संयोजन : बृजेश कुमार शुक्ला

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