शुषा लिपि
सहायता

अनुभूति

9. 5. 2003

आज सिरहानेआभारउपहारकहानियांकला दीर्घाकविताएंगौरवगाथाघर–परिवार
दो पल
परिक्रमापर्व–परिचयप्रकृतिपर्यटनप्रेरक प्रसंगफुलवारीरसोईलेखकलेखकों सेविज्ञान वार्ता
विशेषांक
शिक्षा–सूत्रसाहित्य संगमसंस्मरणसाहित्यिक निबंधस्वास्थ्यसंदर्भसंपर्क
हास्य व्यंग्य

कथा महोत्सव
2003

भारतवासी हिन्दी लेखकों की कहानियों
के संकलन 
माटी की गंध 
में प्रस्तुत है इलाहाबाद से बृजेश कुमार
शुक्ला की कहानी
अल्विदा क्रिस्टा

समय के उतार चढाव से गुजरती मेरी जिन्दगी मे अनेको ऐसे क्षण आये जहां मेरी आत्मा में ग्लानि और क्षोभ का प्रदुर्भाव रहा। धीरे धीरे मेरा मानसिक झुकाव आध्यात्मिक क्षेत्र की ओर उन्मुख हुआ। मेरी सोच का दायरा इसी के ईद गिर्द घूमने लगा। इस मानसिक द्वन्द्व से उबारने में मेरे बचपन के एक मित्र ने सहायता की जो भारत में सत्य सांई के आश्रम रहकर आध्यात्मिक साधना में संलिप्त है।  . . . साथ ही मैंने भारतीय साहित्य का सहारा लिया, जिसने मेरे अन्दर एक नयी उर्जा भरने का काम किया।

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ललितपुर से धीरेन्द्र प्रेमर्षि की कहानी
ककड़ी के बीज

विश्वास ही कर लेने की स्थिति तो कतई नहीं थी, फिर भी आशा की एक चिनगारी जरूर भड़क उठी थी मन में। इसीलिए पांच बजे के बाद रह–रहकर मेरी नज़रें खिड़की से बाहर जा सड़क पर बिछ जाती थीं। 
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पटना से प्रत्यक्षा की कहानी
दंश
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इलाहाबाद से राजेन्द्र यादव की कहानी
अक्षय धन
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अहमदाबाद से आस्था की कहानी
मोहभंग
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चंडीगढ़ से डा नरेश की कहानी
ममता
(अगली कहानी :
सूरज प्रकाश की 
बाबू भाई पंड्या)

 

इस सप्ताह

उपहार में
मातृ दिवस के अवसर पर
मां के लिये भावभीना संदेश पृष्ठ
नमन में मन!
°

परिक्रमा में
दिल्ली दरबार के अंतर्गत 
बृजेश कुमार शुक्ला का आलेख

1संबंधों में सुधार के
आसार
°
साथ ही
कनाडा कमान के अंतर्गत 
सुमन कुमार घेई का आलेख
टोरोंटो विश्वविद्यालय में हिन्दी भाषा एवं साहित्यिक समारोह
1

अनुभूति में

मातृ दिवस के अवसर पर 
लघु संकलन
ममतामयी
साथ में
नयी कविताएं

साहित्य समाचार में 
डा हरीश नवल को काका हाथरसी पुरस्कार तथा यार्क विश्वविद्यालय में
हिन्दी कथा गोष्ठी
°

धारावाहिक में 
कृष्ण बिहारी की आत्मकथा इस पार से
उस पार से का अगला भाग 
सहार, सागर और मौसम
°

रसोईघर में
शाकाहारी मुगलई का मस्त ज़ायका
नान नज़ाक़त

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सप्ताह का विचार
ही उन्नति करता है जो स्वयं
अपने को उपदेश देता है।
—स्वामी रामतीर्थ

 

° पिछले अंकों से°

संस्मरण में अनिल बिस्वास के
संस्मरण
आज का संगीत

°

महानगर की कहानियों में बसंत आर्य
की लघुकथा
एक दर्द अपना सा

°

कलादीर्घा में कला और कलाकार के
अंतर्गत
अब्दुल रहीम अप्पाभाई आलमेलकर कलाकृतियों के साथ

°

फुलवारी में लावण्या शाह का नाटक
एक पल : सर्वनाश से पहले
और पूर्णिमा वर्मन की 
कविता
तितली

°

विज्ञान वार्ता में डा गुरूदयाल प्रदीप द्वारा प्रस्तुत नये विज्ञान समाचार

°

घर परिवार में नीलम जैन का सत्कार
को तैयार
सुंदर घर 

°

हास्य–व्यंग्य में अलका चित्रांशी का
आलेख
दाद ए बगदाद

°

पर्यटन में 
डा सत्येन्द्र नाथ राय का आलेख 
कैनेडा में भारतीय मूल के निवासी

°

आज सिरहाने में 
गिरिराज किशोर का उपन्यास
जुगलबंदी

°

प्रेरक प्रसंग में 
मानस त्रिपाठी की कलम से प्रेरणाप्रद
प्रसंग
लालच

°

परिक्रमा में
लंदन पाती के अंतर्गत शैल अग्रवाल का आलेख
वसुधैव कुटुम्बकम

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"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरूचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार 
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भी अंश के पुर्नप्रकाशन की अनुमति
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प्रकाशन : प्रवीन सक्सेना   परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन     
        सहयोग : दीपिका जोशी
तकनीकी सहयोग :प्रबुद्ध कालिया
  साहित्य संयोजन :बृजेश कुमार शुक्ला