शुषा लिपि
सहायता

अनुभूति

16. 05. 2003

आज सिरहानेआभारउपहारकहानियांकला दीर्घाकविताएंगौरवगाथाघर–परिवार
दो पल
परिक्रमापर्व–परिचयप्रकृतिपर्यटनप्रेरक प्रसंगफुलवारीरसोईलेखकलेखकों सेविज्ञान वार्ता
विशेषांक
शिक्षा–सूत्रसाहित्य संगमसंस्मरणसाहित्यिक निबंधस्वास्थ्यसंदर्भसंपर्क
हास्य व्यंग्य

कथा महोत्सव
2003

भारतवासी हिन्दी लेखकों की कहानियों
के संकलन 
माटी की गंध 
में प्रस्तुत है
मुंबई से सूरज प्रकाश की कहानी
बाबू भाई पंड्या

ये अस्पताल एक तरह से बहुत बड़ा स्कूल है। जीवन का स्कूल। यहां आपको हजार तरह के अदमी मिलेंगे। अच्छे भी, बुरे भी। यहां जीवन को आप बहुत नजदीक से देखेंगे। असली जीवन तो यहीं है साब। दुख, तकलीफ, फिर भी चेहरे पर हंसी। एक दूसरे के लिए कुछ करने की इच्छा। और क्या होता है जीवन में साहब। दो मीठे बोल बोले और सब कुछ पा लिया। अब चलूं मैं साहब। आप चाहें तो अपने डॉक्टर दोस्त के पास बैठें।
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इलाहाबाद से बृजेश कुमार शुक्ला की
कहानी
अल्विदा क्रिस्टा
समय के उतार चढाव से गुजरती मेरी जिन्दगी मे अनेको ऐसे क्षण आये जहां मेरी आत्मा में ग्लानि और क्षोभ का प्रदुर्भाव रहा। धीरे धीरे मेरा मानसिक झुकाव आध्यात्मिक क्षेत्र की ओर उन्मुख हुआ।
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ललितपुर से धीरेन्द्र प्रेमर्षि की कहानी
ककड़ी के बीज 
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पटना से प्रत्यक्षा की कहानी
दंश
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इलाहाबाद से राजेन्द्र यादव की कहानी
अक्षय धन
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अहमदाबाद से आस्था की कहानी
मोहभंग
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चंडीगढ़ से डा नरेश की कहानी
ममता
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(अगली कहानी :संतोष गोयल की 
जिन्दगी : एक फोटोफ्रेम)

 

इस सप्ताह

पर्व परिचय में
बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर राम चंद्र
सरोज का आलेख
संबोधि का पर्व : बुद्धपूर्णिमा

°

हास्य–व्यंग्य में
नीरज शुक्ला का व्यंग्य
कबिरा खड़ा गोष्ठी में

°1

अनुभूति में

मोहन राणा,
डा दिनेश चमोला 'शैलेश' 
तथा दीपाली पाटील की 17 कविताएं

साहित्य समाचार में
दुबई में हास्यकवि सम्मेलन

°

आज सिरहाने में
कृष्ण बिहारी द्वारा परिचय
डा नवाज़ देवबंदी के ग़ज़ल संग्रह

पहली बारिश
का

°

परिक्रमा में
नार्वे निवेदन के अंतर्गत 
ओस्लो से सुरेश चंद्र शुक्ला 'शरद आलोक'  का आलेख
वसंत आगमन से पहले

°

!नये अंकों की सूचना के लिये!
अपना ई मेल यहां लिख भेजें।


°

सप्ताह का विचार
पने विषय में कुछ कहना प्रायःबहुत कठिन हो जाता है क्योंकि अपने दोष देखना आपको अप्रिय लगता है और
उनको अनदेखा करना औरों को।
—महादेवी वर्मा

°

 

° पिछले अंकों से°

उपहार में मातृ दिवस के अवसर पर
भावभीना संदेश पृष्ठ
नमन में मन!

°
साहित्य समाचार में 
डा हरीश नवल को काका हाथरसी पुरस्कार तथा यार्क विश्वविद्यालय में
हिन्दी कथा गोष्ठी

°

धारावाहिक में  कृष्ण बिहारी की
आत्मकथा का अगला भाग
सहार, सागर और मौसम

°
रसोईघर में शाकाहारी मुगलई का
मस्त ज़ायका
नान नज़ाक़त

°

संस्मरण में अनिल बिस्वास के
संस्मरण
आज का संगीत

°
महानगर की कहानियों में बसंत आर्य
की लघुकथा
एक दर्द अपना सा
°

कलादीर्घा में कला और कलाकार के
अंतर्गत
अब्दुल रहीम अप्पाभाई आलमेलकर कलाकृतियों के साथ

°
फुलवारी में लावण्या शाह का नाटक
एक पल : सर्वनाश से पहले
और पूर्णिमा वर्मन की 
कविता
तितली
°

विज्ञान वार्ता में डा गुरूदयाल प्रदीप द्वारा प्रस्तुत नये विज्ञान समाचार

°
घर परिवार में नीलम जैन का सत्कार
को तैयार
सुंदर घर
°

परिक्रमा में

दिल्ली दरबार के अंतर्गत 
बृजेश कुमार शुक्ला का आलेख

1संबंधों में सुधार के आसार

कनाडा कमान के अंतर्गत सुमन कुमार
घेई का आलेख
टोरोंटो विश्वविद्यालय में हिन्दी भाषा एवं साहित्यिक समारोह

लंदन पाती के अंतर्गत शैल अग्रवाल का आलेख
वसुधैव कुटुम्बकम

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"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरूचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार 
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प्रकाशन : प्रवीन सक्सेना   परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन     
      सहयोग : दीपिका जोशी
तकनीकी सहयोग :प्रबुद्ध कालिया
  साहित्य संयोजन :बृजेश कुमार शुक्ला