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अनुभूति
116.  8.  2006 

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पिछले सप्ताह
1
हास्य व्यंग्य में
राजेन्द्र त्यागी का नवीनतम शोध विषय
राजनीति और मूंछ

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पर्व परिचय में
9 अगस्त रक्षाबंधन के अवसर पर
मनोहर पुरी की कलम से बंधा
प्यारा सा बंधन–रक्षाबंधन

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घर परिवार में
अर्बुदा ओहरी के सुझाव
दमदार रहें दिनभर के लिए

°

रसोईघर में
माइक्रोवेव अवन में पकाएं
आलू टमाटर हरे प्याज वाले

°

कहानियों में
भारत से पुष्यमित्र की कहानी
मुंबई टु सतपुड़ा

 कहानी मुंबई महानगरी से ही शुरू होती है। बीच शहर में एक भव्य फ्लैट और उसमें रहने वाले चार किरदार। सौरभ देव, विज्ञापन की दुनिया का सफलतम कॉपी राइटर। उसकी बीवी रूबी, शहर के सबसे प्रतिष्ठित व्यापारियों में से एक की बेटी है। उन दोनों की छोटी सी बेटी तान्या। आठ साल की है। मॉम–डैड की दुलारी, अकेली संतान और, उन तीनों का दुलारा 'टशन'। जी हां 'यारां दा टशन'। उसे देख उस सुपरहिट कैच वर्ड की याद में सौरभ देव ने अपने डाल्मेशन पपी का नाम रखा था टशन। ख़बरदार, उसे कुछ मत कहिएगा। घरवाले नाराज़ हो जाते हैं। नाम नहीं मालूम हो तो पपी कहिए, डॉगी कहिए।

°

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अभिव्यक्ति सातवें साल में

अनहद खुशी है
अभिव्यक्ति सातवें वर्ष में
प्रावेश कर रही है
आशा है
उम्मीद है
ये कारवां
हंसता हुआ
खुशी के गीत गाता हुआ
बढ़ता  रहे।
जन्मदिन मुबारक, 
                अभिव्यक्ति !

इस सप्ताह
1
कहानियों में
भारत से अलका पाठक की कहानी
फोकस

जब सारे मुल्क पर आज़ादी का पचासवां साल मियादी बुखार–सा लगा हो, ऐन उसी मौके पर ज्ञान बाबू की आंखें मैदान में लगी मूर्ति पर जा डटीं। ठीक पहाड़ के बीच, नदी-घाटी-झरने के संयोग वाले चाय के खोखे पर गरमागरम चाय सुड़कते ज्ञान बाबू की खोजी निगाहों का करिश्मा। मूर्ति तो वहां वर्षों से थी, बस ज्ञान बाबू ने तभी देखी थी।वे ठहरे मीडिया के आदमी, गिद्ध से भी तेज़ निगाह के मालिक। चाय का कुल्हड़ बहुत दूर फेंक मारा। दूर की कौड़ी जो हाथ लगी थी।
°

हास्य व्यंग्य में
डा नरेन्द्र कोहली का
जनतंत्र
°

संस्मरण में
अनूप शुक्ल व शोभा स्वप्निल की रचना
पार्षद और झंडा गीत
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सामयिकी में
कन्हैयालाल चतुर्वेदी का आलेख
वह बरगद
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फिल्म–इल्म में
अजय ब्रह्मात्मज की पड़ताल
हिंदी
फिल्मों में राष्ट्रीय भावना

 

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देशभक्ति की ढेर सी कविताओं के साथ 

–° पिछले अंकों से °–

कहानियों में
तुम सच कहती हो . . .–अभिरंजन कुमार
चाह–डॉ शैलजा सक्सेना
रक्तदान–नितिन उपाध्ये
ज़िंदगी जहां शुरू होती है–रवींद्र बत्रा
फुटबॉल–पद्मा सचदेव
राजधानी में हार–असग़र वजाहत
°

हास्य व्यंग्य में
धूप का चश्मा–संतोष खरे
इटली के लड्डू–गुरमीत बेदी
भगौने में चम्मच–प्रतिभा सक्सेना
भोंपू–डा नरेन्द्र कोहली
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महानगर की कहानियों में
सुभाष नीरव की लघुकथा
मकड़ी
°

पर्यटन में
मनीष कुमार के साथ चलें
सिक्किम के सफ़र पर
°

फुलवारी में
 देश देशांतर में जानकारी की बातें
अर्जेन्टीना, ब्राज़ील और पेरू
°

संस्कृति में
अर्बुदा ओहरी लेकर आई हैं
कॉफ़ी का प्याला
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विज्ञान वार्ता में
गुरूदयाल प्रदीप खोज लाए हैं
ऊर्जा का वैकल्पिक स्रोतः जैव ईंधन यानि बायोडीज़ल
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प्रौद्योगिकी में
रविशंकर श्रीवास्तव सिखा रहे हैं
इनस्क्रिप्ट की–बोर्ड

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"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरूचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
यह पत्रिका प्रत्येक माह की 1 – 9 – 16 तथा 24 तारीख को परिवर्धित होती है।

प्रकाशन : प्रवीन सक्सेना  परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन 
 सहयोग : दीपिका जोशी
फ़ौंट सहयोग :प्रबुद्ध कालिया

   

 

 
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